पीएम आवास योजना में बदलाव, जॉब कार्ड हुआ अनिवार्य
बिहार के सभी जिलों में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत वेटिंग लिस्ट में छूटे हुए लाभुकों का सर्वेक्षण किया जा रहा है। इस बार सरकार ने पीएम आवास योजना के नियमों में बदलाव करते हुए जॉब कार्ड को अनिवार्य कर दिया है। अब यदि किसी को पीएम आवास योजना का लाभ लेना है, तो उसके पास नरेगा जॉब कार्ड होना जरूरी होगा।
सरकार के इस नए आदेश के बाद ब्लॉक ऑफिसों में जॉब कार्ड बनवाने के लिए अचानक भीड़ बढ़ गई है। लोग तेजी से अपने नरेगा जॉब कार्ड बनवाने की प्रक्रिया पूरी करने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि वे प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ ले सकें। लेकिन इसी बीच कई जगहों से अवैध वसूली की शिकायतें भी सामने आ रही हैं।
नरेगा जॉब कार्ड क्या है
नरेगा जॉब कार्ड एक आधिकारिक दस्तावेज़ है, जिसे महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) के तहत ग्रामीण परिवारों को जारी किया जाता है। इस कार्ड के माध्यम से लाभार्थियों को 100 दिनों का गारंटीकृत रोजगार मिलता है, जिससे वे अपनी आर्थिक स्थिति को सुधार सकते हैं।
यह एक प्रकार का पहचान पत्र होता है, जिसमें लाभार्थी का नाम, पता, नरेगा पंजीकरण संख्या, परिवार के सदस्यों की जानकारी और रोजगार का विवरण दर्ज होता है। अब इसे पीएम आवास योजना से जोड़ दिया गया है, जिससे ग्रामीण लोगों के लिए यह कार्ड और भी महत्वपूर्ण हो गया है।
जॉब कार्ड के लिए अवैध वसूली के आरोप
मुजफ्फरपुर जिले में नरेगा जॉब कार्ड बनाने और पीएम आवास योजना में नाम जोड़ने के लिए अवैध वसूली के आरोप लगे हैं। सोमवार को महमदपुर बलमी पंचायत में सैकड़ों ग्रामीणों ने ब्लॉक कार्यालय से लेकर बिजली विभाग के कार्यालय तक विरोध प्रदर्शन किया।
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महिलाओं समेत सैकड़ों लोगों ने हाथों में लाठी-डंडे और तख्तियां लेकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। उनका कहना था कि जॉब कार्ड बनवाने के लिए ब्लॉक ऑफिस में रिश्वत मांगी जा रही है, और जो लोग पैसे नहीं दे पा रहे हैं, उनके आवेदन को अनदेखा किया जा रहा है।
ब्लॉक कार्यालय में अफरातफरी का माहौल
हंगामे के चलते ब्लॉक और बिजली विभाग के कार्यालयों में अफरातफरी का माहौल बन गया। प्रदर्शन कर रहे लोगों का आरोप था कि रोजगार सेवक पंचायत में आते ही नहीं हैं, जिससे ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
कुछ महिलाओं ने बताया कि जब वे ब्लॉक ऑफिस में जॉब कार्ड बनवाने जाती हैं, तो उन्हें वापस लौटा दिया जाता है। वहीं, जिन लोगों के पास जान-पहचान या पैसे देने की क्षमता है, उनका काम जल्दी हो रहा है। इससे आम लोगों में भारी रोष है।
आवास योजना में नाम जोड़ने के लिए रिश्वत की मांग
ग्रामीणों का आरोप था कि कई वर्षों के बाद प्रधानमंत्री आवास योजना में नए लाभार्थियों की सूची तैयार की जा रही है। इस सूची में नाम जुड़वाने के लिए जॉब कार्ड अनिवार्य कर दिया गया है, लेकिन इसके नाम पर लोगों से 2,000 से 4,000 रुपये तक की अवैध वसूली की जा रही है।
कई लोगों ने यह भी बताया कि शिकायत करने के बावजूद ब्लॉक विकास अधिकारी (BDO) कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। इससे ग्रामीणों में प्रशासन के प्रति नाराजगी बढ़ रही है।
निष्कर्ष
अगर आप प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ लेना चाहते हैं, तो जल्द से जल्द नरेगा जॉब कार्ड बनवा लें। सरकार ने इसे अब अनिवार्य कर दिया है, और बिना इसके आप आवास योजना का लाभ नहीं ले सकेंगे।
हालांकि, यदि आपको जॉब कार्ड बनवाने में किसी भी प्रकार की समस्या हो रही है या आपसे अवैध वसूली की जा रही है, तो इसकी शिकायत संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों से करें। सरकारी योजनाओं का सही लाभ उठाने के लिए सतर्क रहें और अपने अधिकारों की जानकारी रखें|